Thursday, March 10, 2011

माँ

माँ……हमे अपने पैरों पर खड़ा करने वाली, बोलना सिखाने वाली,हमेशा हमारा साथ देने वाली माँ, जिसके आँचल में बैठकर हमने अपना बचपन बिताया है,जिसकी ममता ने हर कदम पर हमें सही राह दिखायी है। माँ चाहे आपकी हों या मेरी,ममता और स्नेह का दैवीय स्वरूप-यही तो माँ है…

बालमन की भावनाओं,
के लिए आवाज हो तुम,
प्रेरणा हो, पथ प्रदर्शक,
माँ, हमारी नाज हो तुम,
तुम सखा, तुम ही गुरू हो,
अथक ऊर्जा स्रोत हो तुम,
बड़ी ममतामयी, स्नेही,
अंतरात्मा-ज्योत हो तुम,
जब कभी भयभीत होते,
साथ अपने तुम्हे पाया,
जब कभी भटके, तुम्हीं ने
सत्य पथ हमको दिखाया,
हर कदम पर साथ तुमने
 दिया हर पल, हर समय,
तुम हजारों साल जीयो,
जन्मदिन हो मंगलमय॥

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